युवाओं के कौशल विकास को मजबूत करने और रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार- मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। ऎसे में आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने और रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने के लिए वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं को उच्च स्तरीय कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हों। इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों के केंद्र बिंदु में युवा वर्ग है। सरकार का अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों पर समर्पित होगा। इसमें युवा केंद्रित योजनाओं, रोजगार की उपलब्धताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान में कौशल विकास रणनीति में सुधार संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या और क्षमता में वृद्धि की गई है। प्रदेश में स्किल यूनिवर्सिटी खोली गई है, अब उसके कार्य को और विस्तार देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही राज्य में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाकर देशी-विदेशी कंपनियों को आमंत्रित भी किया गया है। उन्होंने कौशल विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण को अधिक मजबूत और वर्तमान मांग के अनुसार देने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि एक ऎसा सेटअप भी तैयार करें, जहां पर युवाओं को रोजगार के साथ करिअर गाइडेंस एक कॉल पर मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमराना में जापान की कंपनियों द्वारा स्वयं के स्किल सेंटर में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। ऎसी कई कंपनियां भी राज्य के युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं। गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अभी तक 1.25 लाख नौकरियां दे दी गई हैं। एक लाख प्रक्रियाधीन हैं, और एक लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई है।
बैठक में आर्थिक सलाहकार डॉ. अरविंद मायाराम ने राजस्थान में रोजगार की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के बारे में भी बताया। इस दौरान नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश, कौशल विकास राज्यमंत्री अशोक चांदना, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, शासन सचिव कौशल विकास डॉ. आरूषी अजेय मलिक ने प्रदेश में कौशल विकास को मजबूत करने के बारे में बताया।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती गायत्री राठौड, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव आयोजना भवानी सिंह देथा, संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद भंवर लाल बैरवा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।