देश की पहली सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना राजस्थान में शुरू
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांवों की तर्ज पर शहरों में भी हर हाथ को रोजगार मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। पूरे देश में सबसे पहले राजस्थान के शहरवासियों को रोजगार देने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना‘ के रूप में ऐतिहासिक पहल की गई है। अब राज्य सरकार योजना अंतर्गत शहरों के हर जरूरतमंद परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराएगी।
गहलोत शुक्रवार को जयपुर के टनल चौराहा स्थित अंबेडकर भवन में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के शुभारंभ समारोह में प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना में जरूरतमंद परिवार जनाधार से जाॅबकार्ड बनाकर रोजगार की मांग करते हुए रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) शुरू की गई थी। मनरेगा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और देशभर में ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे। इससे जीवन स्तर में भी सुधार आया। कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा तो यहीं योजना वरदान साबित हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऐतिहासिक फैसला बजट में लिया गया। गहलोत ने समारोह में योजना संबंधित बुकलेट का विमोचन किया और पांच महिलाओं को जाॅबकार्ड वितरित किए।
खानिया की बावड़ी से योजना का शुभारंभ
मुख्यमंत्री आगरा रोड स्थित 18वीं शताब्दी में निर्मित ऐतिहासिक खानिया की बावड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने करनी चलाकर और स्मारिका पट्टिका का अनावरण कर योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने मजदूरों से संवाद किया और उन्हें आवश्यक संसाधन (औजार) वितरित किए। मौके पर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में अध्यनरत छात्राओं से अंग्रेजी में संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया। बावड़ी के बाहर स्थानीय बुजुर्गों से बातचीत कर पेंशन व मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की संबंधित जानकारी ली।
सेनेटरी नैपकिन के लिए संकोच नहीं करें महिलाएं
गहलोत ने कहा कि महिलाओं/बालिकाओं की स्वच्छता के लिए उड़ान योजना अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने महिलाएं/बालिकाएं से सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल में संकोच नहीं करने और स्वच्छता का ध्यान रखने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक विकास और निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए निरंतर अहम फैसले ले रही हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति भी लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग और हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर घोषणाएं की गई है।
कच्ची बस्तियों के नियमन हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा कच्ची बस्तियों का नियमानुसार नियमन किया जाएगा। निर्धारित समयावधि से रह रहे निवासियों को पट्टे दिए जाएंगे। उन्होंने नगर निगम, नगरपालिका और नगरपरिषद के जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे लक्ष्य निर्धारित कर अपने-अपने क्षेत्रों में पट्टों से वंचितों को पट्टे दिलाने में अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को किसी भी तरह से अपने मकानों का पट्टे मिलें, इसके लिए सरकार द्वारा नियमों में कई संशोधन किए गए है। उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियानों में पट्टे बनाने और वितरण करने में लापरवाही करने वाले तथा योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं करने वाले राजकीय कार्मिकों के नामों की सूची भी बनाएं। ऐसे कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस योजना में पर्यावण सरंक्षण कार्य, जल संरक्षण संबंधी कार्य, स्वच्छता एवं सेनिटेशन संबंधित कार्य, सम्पति विरूपण रोकने से संबंधित कार्य, कन्वर्जेंस कार्य, सेवा संबंधित कार्य, हैरिटेज संरक्षण संबंधित कार्य सहित अन्य कई तरह के कार्य होंगे। योजना में अभी तक
– 800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है योजना में
– 2.25 लाख से अधिक जाॅबकार्ड बनाए गए अभी तक
– 3.51 लाख से अधिक सदस्य योजना से जुड़े
– 99 हजार परिवारों द्वारा रोजगार की मांग की गई
– 100 दिन एक वर्ष में प्रति परिवार को मिलेगा रोजगार
– 31 हजार से अधिक आॅनलाइन मस्टररोल जारी
– 259 रूपये प्रतिदिवस अकुशल श्रमिक की मजदूरी
– 271 रूपये मेट की प्रतिदिवस मजदूरी
– 283 रूपये कुशल श्रमिक की प्रतिदिवस मजदूरी
– 18 से 60 वर्ष की आयु वाले सदस्य कर सकते है कार्य
– ई-मित्र से भी जनाआधार कार्ड के जरिए निःशुल्क पंजीकरण की सुविधा