कांग्रेस-भाजपा हर सरकार में घिनौने रेपकांड, कई नेताओं-ब्यूरोक्रेट्स पर दाग

मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बरता का वीडियो सामने आने के बाद से देश सदमे और गुस्से में है। मणिपुर की तपन राजस्थान तक पहुंच गई है। सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जलते मणिपुर से राजस्थान की तुलना कर पीएम ने राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट की है। इससे पहले  सैनिक कल्याण मंत्री ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को महिला सुरक्षा में फेल बताते हुए गिरेबां में झांकने की बात कही थी। इस बयान के 6 घंटे बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।  वसुंधरा राजे ने बयान दिया था- प्रदेश में महिलाओं के प्रति अत्याचार चरम पर हैं। मैं आहत हूं।

पिछले 3-4 दशक से हर सरकार के कार्यकाल में रेप और महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ते ही हैं। किसी के कार्यकाल में कम नहीं हुए हैं। फिर भी राजनेता चुनावों से ठीक पहले इन्हें सामने लाकर एक-दूसरे से सत्ता छीनने की कोशिश करते ही हैं। वे जनता को अपना शासन श्रेष्ठ दिखाना चाहते हैं। इस बार भी चुनावों से ठीक पहले ही यह मुद्दा ज्यादा उठ रहा है। सरकार फेस सेविंग कर रही है, तो विपक्ष अपने तर्क रख रहा है।

चुनावी साल में भले ही दोनों पार्टियां एक दूसरे को घेरने के लिए ये बयान दे रही हैं, लेकिन एक सच ये भी है कि नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में महिलाओं के प्रति अत्याचार और रेप के मामलों में राजस्थान नंबर 1 पर है।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि ये किसी एक सरकार में हुआ हो। भाजपा की सरकार में राजस्थान में देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल हुआ तो कांग्रेस की सरकार में पति के सामने पत्नी का गैंगरेप कर वीडियो वायरल किया गया।

जग जाहिर ने पुरानी केस फाइल्स की स्टडी की तो कई ऐसे केस सामने आए, जिन्होंने राजस्थान ही नहीं पूरे देश को हिला दिया था। पूरी रिपोर्ट…

अजमेर में देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल

1992 में राजस्थान में भाजपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे भैंरोंसिंह शेखावत। अजमेर में सैकड़ों स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों की अश्लील फोटो बाजार में सार्वजनिक हो गए। एक के बाद एक 100 लड़कियों का रेप किया गया। उनके अश्लील फोटो खींच कर ब्लैकमेल कर कई बार उनके साथ रेप हुआ। इस कांड में तत्कालीन कांग्रेस के शहर अध्यक्ष फारुख चिश्ती और अन्य पदाधिकारी जुड़े हुए थे। अंत में पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार किया। 18 आरोपियों पर केस शुरू हुआ था। 10 दोषियों को जेल की सजा हुई। एक आरोपी तभी से फरार है, जो अब तक पकड़ा नहीं जा सका। हाल ही में इस केस पर एक फिल्म अजमेर-92 नाम से रिलीज हुई है। जल्द ही एक वेबसीरीज अजमेर फाइल्स नाम से भी रिलीज होने वाली है।

बच्ची को बाल विवाह से बचाने वाली महिला से गैंगरेप

वर्ष 1992 में भैंरोसिंह शेखावत सरकार के दौरान ही गैंगरेप का एक और डरावना मामला सामने आया। जयपुर जिले के भटेरी गांव में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत थी। आखातीज के अवसर पर राजस्थान में बाल विवाह होना उन दिनों आम बात थी, लेकिन था ये गैरकानूनी। तब बतौर साथिन (कार्यकर्ता) वो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 9 महीने की बच्ची का विवाह रुकवाने वहां पहुंची। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस भी पहुंची थी। गांव के दबंगों से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। दबंगों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सजा देने और सबक सिखाने की नीयत से उनके साथ उनके पति के सामने ही गैंगरेप किया। न्याय पाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को वर्षों तक लड़ना पड़ा। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। अंत में उन्हें न्याय मिला और उनके इस केस के आधार पर देश में एक नया कानून विशाखा गाइडलाइंस के रूप में सामने आया। चूंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी निभा रही थी, तो इस आधार पर कार्यस्थलों पर काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व यौन हमलों से उन्हें बचाने के लिए विशाखा गाइडलाइंस बनी जो आज देश में एक सशक्त कानून है।

राजस्थान यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में छात्रा से गैंगरेप

वर्ष 1997 में प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे भैंरोंसिंह शेखावत। 5 सितंबर को राजस्थान विश्वविद्यालय (जयपुर) परिसर में स्थित जे. सी. बोस हाॅस्टल में एक छात्रा के साथ 8-10 छात्रों ने गैंगरेप किया। मामले में 8 दोषियों को सजा सुनाई गई। इस गैंगरेप केस से न केवल राजस्थान बल्कि पूरा देश सहम गया था। सीएम शेखावत पर राजनीतिक संकट के बादल मंडराने लगे थे। उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी, हालांकि उन्होंने इस्तीफा दिया नहीं था। बाद में अगले ही वर्ष 1998 में हुए चुनावों में भाजपा को 200 में से केवल 36 सीटें नसीब हुईं।

स्कूल टीचर, मैनेजर ने किया रेप, छात्रा प्रेग्नेंट

वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार थी और मुख्यमंत्री थीं वसुंधरा राजे। सीकर जिले के अजीतगढ़ में एक स्कूली छात्रा के साथ स्कूल के प्रबंधक व शिक्षकों ने कई दिनों पर रेप किया। छात्रा प्रेग्नेंट हुई तो उसका गर्भपात करवा दिया। यह मामला पूरे देश में चर्चा में आया।

थानागाजी में पति के सामने पत्नी का रेप, वीडियो वायरल

वर्ष 2019 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे अशोक गहलोत। अप्रैल में थानागाजी (अलवर) में दिन दहाड़े पति के सामने महिला का गैंगरेप किया गया। इस पूरी घटना का वीडियो शूट करके उसे वायरल कर दिया गया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। पुलिस ने दोषियों को पकड़ा और चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। एक आरोपी को 5 साल की सजा सुनाई गई।

जोधपुर यूनिवर्सिटी में नाबालिग के साथ गैंगरेप

कांग्रेस की ही सरकार में जुलाई में घर से भागी नाबालिग लड़की और उसके दोस्त को जयनारायण व्यास विवि परिसर (जोधपुर) में कुछ लोगों ने पीटा और नाबालिग के साथ गैंगरेप किया। मामले में पुलिस अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। राजस्थान विधानसभा में इस पर हंगामा भी हुआ। उसी के संदर्भ में बढ़ती राजनीतिक बयानबाजी के बीच मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा को अपना पद भी खोना पड़ा।

कई पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स पर रेप-मर्डर के दाग

आईपीएस मधुकर टंडन : कॉन्स्टेबल की पत्नी से रेप का आरोप

आईपीएस टंडन पर अपने ही अर्दली काॅन्स्टेबल की पत्नी से रेप का आरोप था। पिछले 26 वर्षों से टंडन फरार है। इस मामले में एक बार भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने वर्ष 2009 में पीड़िता और उसके पति के साथ धरना भी दिया था। तब तत्कालीन गृह मंत्री शांति धारीवाल ने टंडन को गिरफ्तार करने के लिए एसओजी को जांच भी सौंपी थी, लेकिन टंडन की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।

आईएएस बीबी मोहंती : आईएएस बनाने का झांसा देकर यौन शोषण

मोहंती पर जनवरी-2014 में एक 23 वर्षीय एमबीए युवती ने उन पर आईएएस बनाने का झांसा देकर लगातार यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। मोहंती तब राजस्थान सिविल सेवा प्राधिकरण (रेट) के चैयरमेन जैसे प्रतिष्ठित पद पर थे। मोहंती वर्ष 2014 में गायब हो गए और पुलिस उनकी तलाश करती रही। बाद में वर्ष 2017 में उन्होंने जयपुर में पुलिस के सामने समर्पण किया। पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां उन्हें जेल की सजा सुनाई गई। बाद में मार्च-2018 में मोहंती को हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी। मोहंती 1977 बैच के अफसर थे और राजस्थान के प्रशासनिक इतिहास की यह पहली घटना थी, जब किसी शीर्ष आईएएस पर इस तरह के आरोप लगे हों।

मंत्री मदेरणा, विधायक मलखान : एएनएम के साथ आपत्तिजनक सीडी

जलदाय मंत्री महिपाल सिंह मदेरणा और विधायक मलखान सिंह दोनों पश्चिमी राजस्थान के दिग्गज राजनीतिक परिवारों के सदस्य थे। एक एएनएम के साथ मदेरणा और विश्नोई की आपत्तिजनक सीडी वायरल हो गई थी। जिसके बाद कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं। मलखान को वर्ष 2021 में इस केस में करीब 10 साल की जेल काटने के बाद जमानत दे दी गई है। मदेरणा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा के बेटे और मलखान सिंह विश्नोई पूर्व सिंचाई मंत्री राम सिंह विश्नोई के पुत्र हैं। इस घटना के आधार पर एक फिल्म भी बनाई गई थी, जिसमें मशहूर अभिनेता ओम पुरी ने काम किया था।

पूर्व मंत्री नागर : जॉब के बहाने यौन शोषण का आरोप

पूर्व खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर पर 35 वर्षीय महिला ने जाॅब दिलाने के नाम पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। यह घटना नागर के सरकारी बंगले पर घटित होना बताया गया था। नागर को वर्ष 2013 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया था। इसके बाद अप्रैल-2017 में उन्हें बरी किया गया। दिसंबर-2018 में उन्होंने विधानसभा का दूदू से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते।

रेप और महिलाओं पर अत्याचारों के मामले में राजस्थान पूरे देश में टॉप

नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों (2021) के अनुसार राजस्थान महिलाओं पर अत्याचार के मामले में टॉप पर है। पिछले 15 से 20 साल में राजस्थान देश के टॉप-5 राज्यों में ही शामिल रहा है।

रेप : राजस्थान में बलात्कार के 6337 मामले सामने आए हैं। राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में 2947, उत्तरप्रदेश में 2845, महाराष्ट्र में 2416 और असम में 1733 मामले सामने आए हैं। इनमें असम को छोड़कर उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की आबादी राजस्थान से करीब सवा से तीन गुणा तक ज्यादा है।
दूसरे अपराध : रेप, हत्या, अपहरण, मारपीट आदि अत्याचारों के मामलों में पूरे देश में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। देश भर में 2021 में 4 लाख 9 हजार 273 मामले रिकॉर्ड हुए हैं, जिनमें सर्वाधिक उत्तरप्रदेश में 56,083 हैं। उत्तरप्रदेश के बाद राजस्थान में 40,738 मामले हुए हैं। इनके बाद महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल और ओडीशा में क्रमश: 39526, 35884 और 31352 मामले हुए हैं।

चुनावों से पहले हर बार बनता है मुद्दा

पिछले 3-4 दशक से मैं लगातार देख रहा हूं कि हर सरकार के कार्यकाल में रेप और महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ते ही हैं। किसी के कार्यकाल में कम नहीं हुए हैं। फिर भी राजनेता चुनावों से ठीक पहले इन्हें सामने लाकर एक-दूसरे से सत्ता छीनने की कोशिश करते ही हैं। वे जनता को अपना शासन श्रेष्ठ दिखाना चाहते हैं। इस बार भी चुनावों से ठीक पहले ही यह मुद्दा ज्यादा उठ रहा है। सरकार फेस सेविंग कर रही है, तो विपक्ष अपने तर्क रख रहा है।

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