राजस्थान में 1000 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियां बनी
जयपुर। राज्य में सभी ग्राम पंचायतों के मुख्यालयों पर नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन तेजी से किया जा रहा है. वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1 हजार से अधिक नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है, इससे राज्य में लगभग 7300 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हो गई है।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन से 3 लाख से अधिक नए सदस्य इन सहकारी समितियों से जोड़े जा चुके हैं। वर्ष 2022-23 में अब तक 154 नई पैक्स/लेम्पस का गठन किया जा चुका है। सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार नई पैक्स/लेम्पस के गठन की प्रक्रिया में तेजी लाए। बजट घोषणा के अनुरूप लक्ष्य की प्राप्ति करें। पैक्स विहीन ग्राम पंचायत पर नई पैक्स/लेम्पस का गठन करें।
उनका कहना है कि राज्य सरकार ने नई पैक्स/लेम्पस के गठन को आसान बनाने के लिए निर्धारित मापदंडों को भी परिवर्तित किया है। पूर्व में जहां नई पैक्स के गठन के लिए हिस्सा राशि 5 लाख रुपये और न्यूनतम सदस्य संख्या 500 थी, उसे घटाकर हिस्सा राशि को 3 लाख रुपये एवं सदस्य संख्या को 300 किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि गांव का किसान ग्राम सेवा सहकारी समितियों से जुड़े और ब्याज मुक्त फसली ऋण के साथ-साथ खाद, बीज, कीटनाशक सहित अन्य सुविधाओं का भी उसके घर के समीप ही लाभ मिल सके ताकि उसे खेती कार्यों में आसानी हो।
वर्ष 2021-22 में किसानों को 18 हजार 500 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण का लक्ष्य था। नई पैक्स/लेम्पस के गठन से नए किसानों को भी ब्याज मुक्त फसली ऋण का लाभ मिल सके. इसके लिए बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में इसे बढ़ाकर 20 हजार करोड़ रुपये किया गया है। रजिस्ट्रार ने निर्देश दिए कि नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करे ताकि ब्याज मुक्त फसली ऋण से वंचित किसान भी इसके दायरे में आ सके।