राजस्थान में खत्म हो रहा है सरकार का इकबाल इसलिए बढ़ रहे हैं अपराध- टीकाराम जूली, नेता प्रतिपक्ष
जयपुर, – गृह विभाग से संबंधित अनुदानों की मांग पर चर्चा के दौरान बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान में सरकार का इकबाल खत्म होता जा रहा है जिसके कारण अपराधों में बढ़ोत्तरी हो रही है। अपराधियों के हौंसले इतने बुलन्द हो गए हैं कि पुलिस पर हमले आम बात हो गई हैं। बीते सवा साल में सबसे अधिक अत्याचारों का सामना बालिकाओं, महिलाओं, दलितों व आदिवासियों को करना पड़ा है। ऐसी स्थिति बनती जा रही है कि इन वर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है।
जूली ने कहा कि ऐसा लगने लगा है जैसे प्रदेश में माफिया राज हो गया है भू- माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, अवैध मादक पदार्थ तस्करों समेत सभी असमाजिक तत्व राजस्थान में हावी हो गए हैं। पूरे देश में स्थायी वारंटियों की कुल संख्या करीब 1 लाख 15 हजार है इसमें से लगभग 80,500 केवल राजस्थान में हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा के शासन में राजस्थान वारंटियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह बन गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने बीते दिनों की कुछ घटनाओं के आधार पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के कमजोर होते इकबाल से कई जिलों में तो पुलिस ही एक ऑर्गनाइज्ड गैंग बनकर काम करने लग गई है। पुलिस द्वारा ही राजस्थान पुलिस की एक महिला SP की जासूसी की गई। आज तक ये पता नहीं चल सका कि उनकी जासूसी क्यों की जा रही थी और किसके कहने पर की जा रही थी। विशेष तौर पर अलवर का जिक्र करते हुए जूली ने कहा कि मैं बहुत जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि अलवर जिले में पुलिस जिस तरह का बर्ताव जनता के साथ कर रही है वह वहां की जनता में डर पैदा कर रहा है। एक दिन पहले ही अलवर जिले के नौगांवा पुलिस थाना अंतर्गत रघुनाथगढ़ कॉलोनी में पुलिस की कार्रवाई के दौरान एक डेढ़ माह की बच्ची को कुचलकर मार दिया। इससे वहां भयंकर जनाक्रोश है।
अपराध के आंकड़ों का जिक्र करते हुए जूली ने कहा कि भाजपा की सरकार में साल 2024 में महिला अपराध के 36,299 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसका अर्थ है कि हर 15 मिनट में एक महिला के साथ यहां अपराध हो रहा है। छोटी बच्चियों से बलात्कार के मामलों में यहां लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और इन अपराधों के मामले में राजस्थान आज देश में नंबर 1 हो गया है। साल 2024 में बलात्कार के 10,629 मुकदमे राजस्थान में दर्ज हुए हैं। प्रदेश में 1607 निर्देोष लोगों की हत्या की गई। 2915 लोगों की हत्या का प्रयास किया गया। प्रदेश में अपहरण के 10,629 मुकदमे 2024 में दर्ज हुए। यानी हर घंटे एक व्यक्ति का अपहरण राजस्थान में हुआ है। प्रदेश में बीते एक साल में 7,339 बच्चे लापता हुए, जिनमें से 84 फीसदी यानी 6,196 लड़कियां हैं। इनमें से 501 बच्चे अब भी लापता हैं, जिनमें 451 लड़कियां हैं। 2022 की तुलना में 2024 में दुष्कर्म के साथ हत्या के मामले 18.75% बढ़े हैं। 2022 की तुलना में 2024 में नाबालिक से दुष्कर्म के मामले 10.12% बढ़े हैं। 2024 में दुष्कर्म के साथ हत्या के 26.32% मामलों में अनुसंधान पेंडिंग है। पॉक्सो के 11.73% मामलों का अनुसंधान पेंडिंग है। SC-ST के लोगों को गंभीर चोट पहुंचाने के मामले 2022 की तुलना में 61.90% बढ़े हैं। SC-ST अपराधों में अनुसंधान का पेंडेंसी प्रतिशत लगभग 18% है। यह बेहद शर्मनाक है कि भाजपा के राज में दलितों की बिंदौली पुलिस की सुरक्षा में निकाले जाना राजस्थान में आम होता जा रहा है।
जूली ने कहा कि पुलिस और जेल सेवा का इकबाल इतना कमजोर हो गया है कि अपराधी जेल से सीधे मुख्यमंत्री जी के नाम पर धमकी देते हैं। पिछले एक साल में कम से कम तीन प्रकरण ऐसे आए हैं जिनमें जेल से सदन के नेता को जान से मारने की धमकी दी गई. हम सब उनकी दीर्घायु की प्रार्थना करते हैं। यदि एक भी मामले में नजीर पेश करने वाली कार्रवाई लापरवाहों पर की गई होती तो आगे ऐसी घटनाएं ही नहीं होती।
जूली ने पुलिसकर्मियों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के काफिले को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए अपने प्राण देने वाले ASI सुरेन्द्र सिंह के परिजन अभी तक अनुकम्पा नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। उनकी बेटी को योग्यता के अनुरूप नौकरी नहीं दी जा रही है जबकि उन्होंने अपने कर्तव्य को करते हुए जान दी। कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा को इतना परेशान किया गया है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। आज तक उनके साथ न्याय सुनिश्चित नहीं हो सका है। यदि पुलिसकर्मियों के परिजनों को ही न्याय नहीं मिलेगा तो आमजन कैसे न्याय की उम्मीद करेगा। पुलिस आवासन के मद में हुए व्यय पर श्री जूली ने कहा कि पुलिस के प्रशासनिक प्रतिवेदन के अनुसार 2024-25 में पुलिस के प्रशासनिक भवनों के निर्माण के लिए 15 करोड़ का प्रावधान रखा पर एक पैसा खर्च नहीं किया। आवासीय भवनों के निर्माण पर 144 करोड़ रु के प्रावधान के विरुद्ध केवल 40 करोड़ रु खर्च किए। पुलिस आधुनिकीकरण के लिए तो राज्य सरकार ने कोई बजट ही नहीं रखा। पुलिस प्रशासनिक भवनों की मरम्मत के लिए 35 करोड़ का बजट रखा और केवल सवा करोड़ खर्च किए। पुलिस आवासीय भवनों की मरम्मत के लिए 35 करोड़ का बजट रखा और केवल 69 लाख रु खर्च किए। पुलिसकर्मियों के लिए उचित आवास व्यवस्था की जानी चाहिए।
पुलिस में रिक्त पदों पर जूली ने कहा कि फिलहाल राजस्थान में कांस्टेबल के 11,452 पद, हैड कांस्टेबल के 4224 पद, ASI के 7367 पद, SI के 1620 पद, CI/कंपनी कमांडर के 1061 पद, RPS के 222 पद और IPS के 23 पद रिक्त हैं। हमारी सरकार ने अनुसंधान तेज और संवेदनशील तरीके से करने के लिए 3500 महिला ASI की नई कंपनी बनाने की योजना शुरू की. आपने उसे बन्द कर दिया जबकि मुख्यमंत्री जी प्राइमरी टीचर्स में 50% महिलाओं के आरक्षण की बात कर रहे थे हालांकि लागू वो भी नहीं कर पाए हैं। पुलिस के इन रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती होनी चाहिए।
जूली ने कहा कि SI भर्ती को लेकर बहुत शोर किया गया. लोकसभा चुनावों में इसके नाम पर वोट तक मांगे गए परन्तु अब अगर इस पर हुई कार्रवाई की बात करें तो SOG और सरकार ही अलग-अलग बातें कर रही है। सरकार द्वारा बनाई गई सब कमिटी कहती है कि भर्ती रद्द होनी चाहिए परन्तु सरकार अदालत में कह रही है कि रद्द नहीं करेंगे। SOG के ADG अखबारों में इंटरव्यू देकर कहते हैं कि उन्होंने तो भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है। SI भर्ती पर आपकी राय क्या है वो आप सदन के सामने स्पष्ट कर बताएं।