सदन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने साधा सरकार पर निशाना

बजट पर चर्चा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा

यह बजट नीरस, प्रदेश को भ्रमित करने वाला, आंकडों का मायाजाल और पूरे प्रदेश को कर्ज में डुबोने वाला बजट है : जूली

सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये गये कानूनों को लागू नहीं करके, प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है।

जयपुर। राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधान सभा में बजट पर चर्चा के दौरान प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे नीरस, प्रदेश को भ्रमित करने वाला, आंकडों का मायाजाला और पूरे प्रदेश को कर्ज में डुबोने वाला बजट बताया है।

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने सदन में गतिरोध के बारे में बोलते हुए कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के रास्ते निकालती है, इसलिए राज्यपाल अभिभाषण पर विपक्ष को बोलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अभिभाषण पर चर्चा के दिन गृह राज्य मंत्री सदन के बाहर जो बयान दे रहे थे, या बजट के दिन जो बयान दिया, वो अगर उसी दिन सदन में दे दिया होता तो गतिरोध टूट जाता और गतिरोध टूट जाता तो सरकार की विफलताएं विपक्ष जनता के सामने ले आएगा, इसलिए सरकार ने यह मौका ही नहीं आने दिया। उन्होंने कहा कि सरकार दलित की आवाज को मजबूत नहीं होने देना चाहती, इसलिए मुझे भी नहीं बोलने दिया।

प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अपने सदन और सदन के बाहर अपने बयानों से जनता को भ्रमित कर रहे हैं। उनके बताए गये आंकडों में एकरूपता ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 7 फरवरी को अभिभाषण के जवाब में कहा था कि पिछले बजट में 1272 घोषनाएं की गई थीं, इनमें से 297 पूरी करली गई और 488 की प्रशसनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी हो गई और कार्य प्रगति पर है, यानि दोनों को जोडें तो 785 घोषणाएं अर्थात् 61 प्रतिशत घोषणाएं प्रगतिरत हैं।

जबकि 19 फरवरी को वित्त मंत्री जी ने अपने बजट भाषण में कहा कि 73 प्रतिशत घोषणाएं प्रगतिरत हैं, ये 12 दिन में 12 प्रतिशत का अन्तर समझ से बाहर है।
जूली ने कहा कि सरकार अपने एक बजट के वादे ही पूरे नहीं कर पा रही है, इनका टारगेट सीधा 2 साल आगे जा रहा है, ये कैसा डबल इंजन है जो एक-दो घंटे नहीं पूरे दो वर्ष की देरी से स्टेशन पर पहुंच रहा है।

जूली ने राजस्थान पर बढ़ते कर्ज के संबंध में कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह फेल है, यह बजट में स्पष्ट दिख रहा है, वित्त मंत्री जी ने पिछले बजट में हमारी सरकार के वित्तीय प्रबंधन की आलोचना करते हुए कहा था कि वे इसे ठीक करेंगी, लेकिन आपने तो कर्ज लेकर घी पीने का काम किया है और दो साल में ही करीब डेढ़ लाख करोड़ रूपये का कर्ज लेने जा रहे हैं। पहले साल में हमारी सरकार की तुलना में आपकी सरकार ने प्रदेश पर 46 प्रतिशत कर्ज का बोझ चढ़ा दिया है। जूली ने कहा कि आपकी सरकार में हमारे प्रदेश के हर नागरिक पर अगली साल तक एक लाख रूपये का कर्ज होने जा रहा है।

जूली ने अपने वक्तव्य के दौरान आमजन की समस्याओं की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के गृह जिले भरतपुर के 22848 दिव्यांग, विधवा और वृद्धजनों को पिछले चार माह से पेंशन नहीं मिल रही है और वे सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं।

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कर्मचारियों के कल्याण की बात रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली चुनावों को देखते हुए कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की वृद्धि के सम्बन्ध में आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा करदी है, ऐसे में मेरा मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि आप भी कर्मचारियों के लिये आठवें वेतन आयोग को लागू करने से सम्बन्धित समिति का गठन तो कर दें, ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सके।

प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने राइजिंग राजस्थान को लेकर हुए एमओयू के बारे में बताया ये एमओयू वास्तविकता से परे हैं। सरकार केवल थोथी वाहवाही लूटने के लिये इन आंकडों को बढाकर पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के गृह जिले में राइजिंग राजस्थान के 59 प्रोजेक्ट्स के 1446 करोड रूपये के एमओयू हुए, इनमें से 40 प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जो 6 महीने या उससे ज्यादा समय से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भरतपुर की जिस द ग्रांड बरसो होटल में ये समिट हुई और एमओयू हुए, उस बने हुए होटल को भी एमोयू की लिस्ट में शामिल कर 30 करोड का निवेश दिखा दिया। इसके अलावा भरतपुर के ही जिंदल हॉस्पिटल और सैनी होटल एण्ड रिसोर्ट ऐसे उदाहरण हैं, जिनका काम पिछले छः महीने से चल रहा है, उन्हें भी एमओयू में शामिल कर लिया गया है। जूली ने कहा कि राइजिंग राजस्थान के नाम पर जनता के साथ जो धोखाधडी की जा रही है, वह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि भरतपुर में जो सबसे बडा इंन्वेस्टमेंट बताया गया है, वह 300 करोड रूपये की भदौरिया यूनिवर्सिटी का है, जिसकी बिल्डिंग पूरी तरह से बन चुकी है। जूली ने कहा कि यह गम्भीर विषय है। सरकार को इस पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए ताकि जनता के सामने राइजिंग राजस्थान की सच्चाई आ सके।

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