अडाणी-मणिपुर मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन : शहीद स्मारक से राजभवन कूच करने से पुलिस ने रोका, पानी की बौछारें, धक्का-मुक्की, कुछ कार्यकर्ता बेहोश

जयपुर। कांग्रेस ने आज शहीद स्मारक से राजभवन तक कूच करते हुए केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों, अडाणी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और मणिपुर में हो रही हिंसा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राजभवन की ओर बढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और धरना स्थल पर धक्का-मुक्की भी हुई। कई कांग्रेस कार्यकर्ता इस संघर्ष के दौरान बेहोश हो गए।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “यह सरकार पेपर लीक मामलों में मगरमच्छ पकड़ने की बात करती है, जबकि इनसे चूहें भी नहीं पकड़े जाते। इनसे सवाल पूछा जाए तो जवाब नहीं मिलता।” उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि क्या मणिपुर में हिंसा और अडाणी के भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस मौके पर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “हम सभी एक हैं और साथ मिलकर लड़ेंगे। हम चार साल बाद राजस्थान में सरकार बनाएंगे।” पायलट ने राजस्थान सरकार में खींचतान का मुद्दा उठाते हुए कहा, “राजस्थान में कोई नहीं जानता कि सरकार कौन चला रहा है, दिल्ली से या यहाँ से।”

धरने में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। इस प्रदर्शन ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को गरमा दिया है, खासकर जब पार्टी के प्रमुख नेता एकजुट हुए और कांग्रेस के आंतरिक विवादों को लेकर भी सख्त बयान दिए।

कांग्रेस के इस धरने का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताना था, जिसमें अडाणी के खिलाफ अमेरिका की अदालत में लगे आरोप और मणिपुर में बढ़ती हिंसा प्रमुख मुद्दे रहे। कांग्रेस ने इस प्रदर्शन के माध्यम से जनता तक अपनी बात पहुँचाने का प्रयास किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *