न्यायालय के निर्णय के बावजूद पीड़ितों को परेशान करने में जुटे अधिकारी

जयपुर । मिशन राइट एण्ड जस्टिश के अध्यक्ष के एल पंजाबी आजाद ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद पीड़ित पक्षकारों को उनके अधिकारों की राशि का भुगतान न किए जाने और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा झूठे आश्वासन देने तथा पीड़ितों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

मिशन राइट एण्ड जस्टिश के अध्यक्ष के एल पंजाबी आजाद ने बताया कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बाद भी पीड़ित पक्षकारों को उनकी जायज हक की राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसके विपरीत, पीड़ितों को झूठे आश्वासन देकर और मानसिक प्रताड़ना देकर चक्कर लगवाए जा रहे हैं आजाद ने कहा कि सरकार द्वारा पूर्व में जारी योजनाओं और मुआवजे के अंतर्गत कई पीड़ित परिवारों को उनका लाभ देने में लापरवाही बरती जा रही है। विशेष रूप से, कमजोर आर्थिक स्थिति वाले और विधवा महिलाओं के मामलों में अनदेखी की गई है।

आजाद ने बताया कि लगभग 30 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है।विभाग द्वारा जानबूझकर मामले को लटकाने और प्रभावित लोगों को न्याय से वंचित रखने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है।

“मिशन राइट एंड जस्टिस” नामक संगठन द्वारा यह मुद्दा उठाया गया है।

उन्होंने विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है।इसके तहत 2 दिसंबर 2024 से जयपुर सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रामधुन, हनुमान चालीसा, शांति पाठ, और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
मुख्य पीड़िता लक्ष्मी मेहता के मामले में भी उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई है।उनके परिवार को मुआवजे के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।दस्तावेज़ में आरोप लगाया गया है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे पीड़ितों को न्याय और मुआवजा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। समाजसेवी संगठनों ने इस स्थिति के समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाने की योजना बनाई है।

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