जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित
– प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में जनजाति बाहुल्य 4302 गांवों का होगा चरणबद्ध विकास
जयपुर। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अल्प अवधि में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गए हैं तथा कई नवीन योजनाओं का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र में सामुदायिक वनाधिकार संभावित क्षेत्रों के आकलन के लिए एफआरए एटलस तैयार की जा रही है। इस एटलस के माध्यम से ऐसे संभावित क्षेत्रों में सामुदायिक वनाधिकार पट्टे जारी कर विकास कार्य किये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि सामुदायिक वनाधिकार क्षेत्रों में विकास कार्यों की स्वीकृति के लिए गोविन्द गुरू जनजाति क्षेत्र विकास योजना प्रारम्भ करने की घोषणा की गई है।
बाबूलाल खराड़ी गुरूवार को विधानसभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (मांग संख्या-30) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की 3 खरब 14 अरब 43 करोड़ 85 लाख 60 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल में जनजाति विकास से सम्बन्धित कुल 49 बजट घोषणाएं की, लेकिन इनमें से 36 ही पूरी हो पाई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भी जनजाति वर्ग से सम्बन्धित कई नवीन योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं, जिनका उद्देश्य दूरदराज क्षेत्र में रहने वाले जनजाति परिवारों तक विकास पहुंचाना है।
खराड़ी ने बताया कि प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत राज्य के जनजाति बाहुल्य 4302 गांवों का चरणबद्ध रूप से विकास किया जाएगा। इस क्रम में प्रथम दो चरणों में 1566 गांवों को चिह्नित कर इनके सर्वांगीण विकास के लिए ग्राम विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं। अब तक लगभग 9 हजार कार्यों की स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य के 9 जिलों में 474 वन धन केन्द्रों के माध्यम से लगभग 1 लाख 45 हजार सदस्यों को लाभान्वित किया जा रहा है।
खराड़ी ने बताया कि राज्य सरकार ने छात्रावासों तथा आवासीय विद्यालयों में रह रहे विद्यार्थियों को दिया जाने वाला मैस भत्ता 2500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये तथा खेलकूद आवासीय विद्यालयों के खिलाड़ियों का मैस भत्ता बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया है। बजट में 17 एकलव्य आदर्श विद्यालयों के उन्नयन एवं रखरखाव के लिये 77 करोड़ रूपये की घोषणा की गई है। जबकि, छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिये 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि शेरगढ़ (जोधपुर), मेर-मण्डवाडा (सिरोही), भटेश्वर-पिण्डवाड़ा (सिरोही) तथा पोषाणा (जालोर) में नवीन अनुसूचित जनजाति छात्रावास खोले जाने की घोषणा की गई है।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि बजट में 250 नवीन मां-बाड़ी केन्द्र खोले जाने की घोषणा की गई है। साथ ही, राज्य सरकार ने मां-बाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत शिक्षा सहयोगियों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने बताया कि मां-बाड़ी केन्द्रों व डे-केयर सेन्टर में शिक्षा सहयोगी तथा महिला सहयोगिनी के चयन व हटाने की प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाने के लिए प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया जाएगा।
खराड़ी ने कहा कि महापुरूषों व महानायकों को उचित सम्मान देना हमारी सरकार का संकल्प है। इस क्रम में जनजाति नायकों को उचित स्थान दिलाने के लिए राज्य सरकार ने बजट में डूंगर बरंडा और बांसिया चारपोटा के स्मारक बनाने तथा वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय (उदयपुर) का निर्माण करने की बजट घोषणा की गई है।