प्रमुख शासन सचिव, यूडीएच ने नया टाऊन प्लानिंग अधिनियम लागू करने हेतु ली बैठक
जयपुर । प्रमुख शासन सचिव, नगरीय विकास विभाग टी. रविकांत द्वारा राजस्थान में बेहतर नगर नियोजन के संबंध में नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई।
बैठक में मुख्य नगर नियोजक राजस्थान, निदेशक आयोजना जेडीए, समस्त अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक एवं वरिष्ठ नगर नियोजक – नगर नियोजन विभाग उपस्थित रहे।
बैठक में सुनियोजित विकास के लिए नीतियां, नियम एवं उप नियमों का वर्तमान परिपेक्ष में भविष्य की आवश्यकता एवं जन आकांक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए पुनरावलोकन किए जाने हेतु विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में बताया गया कि राजस्थान नगरीय एवं ग्रामीण अधिनियम (town planning act 2018) वर्ष 2018 में बनाया गया था परंतु इस पर विशेष कार्य नहीं हो पाया है एवं इसे वर्तमान में लागू भी नहीं किया गया है, जबकि देश के अधिकांश राज्यों में यह अधिनियम लागू किया जा चुका है।
इस अधिनियम के लागू होने से नगर विकास के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लिए भी एकीकृत योजनाबद्ध विकास हेतु योजना बनाईं जाकर क्रियान्वित किया जा सकेगा।
इसके साथ ही टाउनशिप पॉलिसी 2010 वर्ष 2010 में बनाई गई थी। जिसका भी वर्तमान परिपेक्ष में पुनरावलोकन किए जाने की आवश्यकता है। जिससे नई विकसित होने वाली योजनाओ में आमजन के लिए पार्क एवं जन सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।
इस योजना से शहरों की बढ़ती आबादी एवं उच्च घनत्व जनसंख्या वाले इलाकों में बन रहे बहुमंजिला भवनों के क्रम में वर्तमान में प्रचलित भवन नियमों एवं उप नियमों में भी पुनरावलोकन किए जाने की आवश्यकता है। जिससे शहर की पुरानी कॉलोनी/योजनाओ में छोटी/सकडी सड़कों पर बन रही इमारतों से आमजन को हवा-पानी की समस्याओं एवं आमजन की सुविधाओं, पर विचार करने एवं बहु मंजिला भवन कहां पर बनने चाहिए, पर भी विचार करते हुए भवन नियमों एवं उप नियमों में पुनरावलोकन किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि उक्त सभी नियम, उप नियमो के पुनरावलोकन हेतु नीति नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। नगर नियोजन से संबंधित एजेंसियां – जेडीए नगर विकास न्यास एवं अन्य विभाग के अधिकारियों का दल विभिन्न राज्यों में प्रचलित नीति नियमों का अध्ययन करने के लिए भेजे जाएंगे।
प्रमुख शासन सचिव यूडीएच ने इस हेतु नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों का एक दल मध्य प्रदेश में प्रचलित भवन नीति नियमों का अध्ययन करने हेतु शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त नगर नियोजन विभाग के वरिष्ठतम अधिकारियों को अलग-अलग नगर विकास न्यासों, प्राधिकरणों एवं नगर निगमों में भेजा जाकर, वहां पर योजनाओ के भवन ले-आउट एवं भवन स्वीकृति की तकनीकी पत्रावलियों का निरीक्षण किया जाकर आ रही कठिनाइयों के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करेंगे।
इस संबंध में पूर्व में भी प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ दो बार बैठक कर चर्चा की जा चुकी है।
प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास विभाग ने नगर विकास न्यासों, प्राधिकरणों एवं नगर निगमों की ऑनलाइन सर्विसेज की ऑडिट करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि सम्बंधित स्टेक होल्डर्स जैसे कि आर्किटेक्ट एसोसिएशन, बिल्डर्स एसोसिएश, नगर विकास न्यासों, प्राधिकरणों एवं नगर निगमों के साथ दिनांक 05.03.24 को टाउन प्लानिंग एक्ट, दिनांक 12.03.24 को टाउन शिप पॉलिसी, दिनांक 15.03.24 को डीसीआर (DCR) एवंदिनांक 21.03.24 को जन आवास योजना की बैठक आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में नगर नियोजन से संबंधित विशेषज्ञ भी आमंत्रित किए जाएंगे जिनसे सुझाव प्राप्त कर नगर नियोजन से संबंधित नीति नियमों में पुनरावलोकन में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि नगर नियोजन का मुख्य उद्देश्य शहर में रहने वाले व्यक्तियों को जीवन की बेहतरीन गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करना है। शहरी निवासियों / लोगों के लिए आवश्यक पहलुओं को प्रदान करने या बनाए रखने के लिए उद्देश्यों को तैयार करने और कार्यनीतियों के द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त किया जाना है।