अगले साल फि‍र लाल किले से देश की उपलब्धियों व प्रगत‍ि का दूंगा हिसाब : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में जीतकर लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने की ओर इशारा करते हुए लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अगले साल 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों ,सामर्थ्य, संकल्प, प्रगति और सफलता का हिसाब देश की जनता को देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह 2014 में परिवर्तन का वादा कर लोगों के पास आये थे और लोगों ने उन पर विश्वास किया। परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों ने 2019 में फिर से उन पर भरोसा किया और अब वह लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के होंगे और अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से वह देश की उपलब्धियों, सामर्थ्य, संकल्प, प्रगति और सफलता के गौरवगान का हिसाब देश की जनता के सामने रखेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने का जिक्र करते हुए यह कहा कि इस देश की सारी समस्याओं की जड़ भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण है और वे इन तीनों बुराइयों के खिलाफ लड़ाई के लिए लाल किले से आशीर्वाद मांगने आए हैं। लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार ने इस देश को बुरी तरह से जकड़ रखा है, हमें पूरी ताकत के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना होगा, देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उसी तरह का नफरत का माहौल बनाना होगा, जिस तरह से हम गंदगी से नफरत करते हैं। परिवारवाद की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परिवारवाद ने देश को नोच लिया है, देश को बुरी तरह से जकड़ रखा है।

परिवारवाद और तुष्टिकरण, यह लोकतंत्र का दुर्भाग्य है। विपक्षी राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परिवारवादी पार्टी लोकतंत्र में बीमारी है। यह प्रतिभाओं की दुश्मन होती है। प्रधानमंत्री ने तुष्टिकरण को भी भारत के लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्य बताते हुए यह कहा की तुष्टिकरण ने देश के राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार,परिवारवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ जारी अपनी लड़ाई का जिक्र करते हुए लाल किले की प्राचीर से इस लड़ाई के लिए लोगों का आशीर्वाद भी मांगा। प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता की वकालत करते हुए कहा कि हम सब को मिलकर भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की तीनों बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना होगा।

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