70 लाख युवाओं के सपनें रौंदने वाली पेपर लीक की सरकार होगी डिलिट, नही होगी रिपीटः- डॉ. किरोड़ी लाल
जयपुर। राज्यसभा सांसद व भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भाजपा मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया।
सोमवार 10 जुलाई 2023 से आरपीएससी द्वारा शुरू होने वाले 2021 आरएएस भर्ती के साक्षात्कार पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग करते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि आरएएस भर्ती परीक्षा से लेकर अब तक धंाधली व घोर अनियमितताएं बरती गई है। आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 में शिवसिंह राठौड़ की भ्रष्टाचार की भूमिका का पूर्व में भी खुलासा किया था कि आरपीएससी द्वारा नियुक्त कॉर्डिनेटर शिव सिह राठौड़ ने कॉपी जांचने की जिम्मेदारी गोविंद सिंह डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र के चहेते प्रोफेसर (एमडीएस यूनिवर्सिटी)े को दी, जिसने गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों का साक्षात्कार में भी धांधली कर अच्छे अंक देकर चयन कराने में शिव सिंह राठौड़ ने अहम भूमिका निभाई थी। सोशल मीडिया पर आरएएस मुख्य परीक्षा 2021 के प्रश्न पत्र, भूगोल का 13 वां प्रश्न की जानकारी साझा करने के कारण आरपीएससी के पूर्व चौयरमेन शिव सिंह राठौड की भूमिका भी संदिग्ध है।
आरएएस 2021 प्री परीक्षा में भी अनुभवहीन विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न पत्र बनाया गया 150 प्रश्नों में से छह प्रश्न आरपीएएसी की ओर से डिलीट कर दिए गए उस समय भी मैंने आरपीएससी को चेताया था मुख्यमंत्री मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद परीक्षा कराने की हठधर्मिता कर रहे थे।
प्रेसवार्ता में डॉ. मीणा ने कहा कि मैं आरपीएससी अध्यक्ष से पूछना चाहता हूं कि सदस्य बाबूलाल कटारा को शिक्षक भर्ती सैकंड ग्रेड के पेपर तैयार करने की जिम्मेदारी किसके कहने पर दी, इतिहास में आज तक इस प्रकार की जिम्मेदारी किसी भी अध्यक्ष ने नहीं दी और आरएएस मुख्य परीक्षा 2021 की कापियां जांचने में मुखिया जी के इशारे पर आरपीएससी अध्यक्ष ने अंजाम दिया। आरएएस मुख्य परीक्षा की कांपियां जांचने के लिए क्या आयोग ने फ़ुल कमिशन की बैठक में शिक्षकों का चयन किया था ?
प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा त्।ै मुख्य परीक्षा 2021 की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच आरपीएससी के चौयरमेन संजय क्षोत्रिय द्वारा प्राइवेट कॉलेजों के अनुभवहीन शिक्षकों से करवाकर आरपीएससी के वर्णित नियमों का घोर उल्लंघन है। आरएएस मुख्य परीक्षा का पेपर तृतीय लोक प्रशासन विषय के यूनिट 2 जो 65 अंक का है। एक भाग के प्रश्नों को अनुभवहीन शिक्षकों द्वारा जांचा गया है। लोक प्रशासन के प्रश्नों का ओटीएस से सेवानिवृत आर के चौबीसा हेड कार्डिनेटर को बनाया गया जिसने लोक प्रशासन के प्रश्नों को जांचने की जिम्मेदारी विश्व विद्यालय के प्रोफेसरों के बजाय अनुभवहीन एमएनआइटी जयपुर में रूम की इंचार्ज कनोडिया कॉलेज की शिक्षक रीटा माथुर सेवानिवृत डॉ. आर के चौबीसा, रीटा माथुर, मनीषा माथुर, इंदु शर्मा, अर्चना मिश्रा, रूपाली भदौरिया, पवन शर्मा, प्रिति अग्रावत को दी, ये सभी निजी महाविद्यालय के शिक्षक है साथ ही मुख्यमंत्री के नजदीकी धमेन्द्र राठौड एवं गोविंद सिंह डोटासरा के चहेते शिव सिंह को आरपीएएस मुख्य परीक्षा 2021 के समय कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया। साथ ही मुख्यमंत्री जी ने अपने चेहते संजय क्षोत्रीय को आरपीएससी का चेयरमैन घोषित कर अपने चहेतों को आरएएस बनाने की जिम्मेदारी दी।
रीट परीक्षा में रामकृपाल मीणा, प्रदीप पारासर, राजीव गांधी स्टडी सर्किल के निजी शिक्षकों को ज़िम्मेदारी दी इस कारण रीट का पेपर लीक हुआ था उसी प्रकार निजी महाविद्यालय कनोडिया कॉलेज, सुबोध कॉलेज, और बगरू के एक निजी कॉलेज के शिक्षक द्वारा जांचने की जिम्मेदारी दी गई।
भ्रष्टाचार के सबसे बडा तथ्य यह है कि आरएएस मुख्य परीक्षाओं अंको में हेराफेरी करवाने की मंशा से उत्तर पुस्तिकाओं को दोनो बार निजी संस्थाओं से जुड़े एक ही शिक्षको द्वारा जांच करवाई गई।
इससे खुलेआम यह सिद्ध हो रहा है कि यह खेल किसी बडे आदमी के इशारे पर खेला जा रहा है। मुख्यमंत्री जी आप तो हर गलती की सजा मांगने की बात करते हैं आपने अब तक आरपीएससी अध्यक्ष का इस्तीफा क्यों नहीं लिया। आरएएस 2018 और 2021 की आपको सीबीआई जांच करानी चाहिए। आरएएस भर्ती 2021 के साक्षात्कार 10 जुलाई से शुरू हो रहे हैं। मुख्यमंत्री मुख्य परीक्षा को जल्दबाजी में करवाकर और अब साक्षात्कार जल्दबाजी में करवाकर भ्रष्टाचार करवा रहे है।
पूर्व में भी एसआई भर्ती द्वारा चयनित उपनिरीक्षक परीक्षा में भी बड़ी धांधली हुई थी
एसआई भर्ती परीक्षा में राजस्थान के टॉपर वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा लीेक के आरोपी घमाराम खिलेरी का चचेरा भाई नरेश खिलेरी का चयन भी संदेह के घेरे में आता है नरेश खिलेरी पेपर लीक के सरगना सुरेश ढाका के रिश्तेदार सुरेश विश्नोई जिस स्कूल में प्रधानाचार्य था इसी भ्रष्ट तंत्र से सैकडो़ उप निरीक्षको का चयन हुआ जिसकी जांच तुरंत मुख्यमंत्री गहलोत को करानी चाहिए। नैतिकता के आधार पर गहलोत को इस्तीफा देना चाहिए।
इस दौरान प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ व प्रदेश सह संयोेजक मेहराज चौधरी मौजूद रहें।