भाजपा सांसद नहीं ले रहे पार्टी कार्यक्रमों में रुचि, नड्डा ने लगाई फटकार

अपने समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं के बल पर कुछ सालों में देश भर में बड़े-बड़े अभियान चलाने वाली भाजपा को अब एक अजीब सी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है। इस चुनाव के मद्देनजर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए भाजपा 30 मई से 30 जून के बीच देशभर में विशेष जनसंपर्क अभियान चला रही है। पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने स्वयं पिछले महीने पार्टी सांसदों के साथ बैठक कर उन्हें सीधे जनता से मोदी सरकार के कामकाज का फीडबैक लेकर पार्टी आलाकमान तक पहुंचाने का निर्देश दिया था। लेकिन बताया जा रहा है कि भाजपा के कई सांसद न तो पार्टी के अभियान को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के निर्देश को।

सांसदों के रवैये से नाराज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार शाम को एक बार फिर पार्टी सांसदों के साथ वर्चुअली बैठक की। इसमें उन्होंने पार्टी कार्यक्रम में दिलचस्पी नहीं लेने वाले सांसदों को फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया पार्टी की नजरें ऐसे सांसदों पर बनी हुई है। इशारा बिल्कुल साफ था कि सक्रिय रहकर पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होइए, अपने कामकाज की रिपोर्ट दीजिए या फिर 2024 में बदलाव के लिए तैयार रहिए।

सूत्रों के मुताबिक, सांसदों के साथ बैठक में विशेष जनसंपर्क अभियान में सांसदों की भागीदारी की समीक्षा के दौरान नड्डा के सामने यह तथ्य उभर कर सामने आया कि कई सांसद न तो पार्टी द्वारा तय कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं न ही उनके निर्देशानुसार अपने स्वयं द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी पार्टी को दे रहे हैं।

सांसदों के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के पास सभी सांसदों के कामकाज की जानकारी है, इसलिए वे अपने रवैये को बदलते हुए पार्टी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हो। नड्डा ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर देशभर में चलने वाला अभियान 29 जून तक चलना है, इसलिए बचे हुए दिनों में सांसद पार्टी द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हो और अपने द्वारा चलाए जा रहे अभियान की जानकारी भी पार्टी के साथ साझा करें।

आपको याद दिला दें कि, इसी वर्ष संसद के बजट सत्र के दौरान 28 मार्च को भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पार्टी के सभी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने,सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के साथ-साथ गैर राजनीतिक कार्यों एवं अभियानों के जरिए सक्रिय रहने या फिर बदलाव के लिए तैयार रहने (2024 के लोक सभा चुनाव में) की कड़ी हिदायत दे चुके हैं।

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