भाजपा महासंपर्क अभियान की मुश्किलें

भारतीय जनता पार्टी के महासंपर्क अभियान के रास्ते में कई मुश्किलें आ रही हैं। सबसे बड़ी मुश्किल गर्मी की है। पार्टी ने 30 मई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के चार साल पूरे होने के मौके पर इसका ऐलान किया था। 31 मई को राजस्थान के अजमेर में रैली करके प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत की। लेकिन उसके बाद ही पूरे देश में हीटवेव शुरू हो गई। उत्तर और पूर्वी भारत के राज्यों में जबरदस्त गर्मी पड़ने लगी। कई राज्यों में गर्मी और लू की वजह से अलर्ट जारी करना पड़ा। भाजपा ने तय किया था कि महासंपर्क अभियान के तहत देश के अलग अलग हिस्सों में 51 रैलियां होंगी और इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ चार हजार टिफिन मीटिंग होगी।

टिफिन मीटिंग की शुरुआत भी पिछले चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने की थी। इसके तहत पार्टी के बड़े नेता और छोटे कार्यकर्ता भी अपने घर से खाना लेकर आते हैं और एक जगह इकट्ठा होकर सब लोग भोजन करते हैं। इस दौरान राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा होती है। यह कार्यक्रम करीब तीन घंटे का होता है। लेकिन गर्मी के कारण सारा माहौल बिगड़ा हुआ है। शुरुआत के 10 दिन में बहुत कम टिफिन मीटिंग हुई और उसमें भी ज्यादा लोग नहीं जुटे। सब मौसम ठीक होने और बारिश शुरू होने का इंतजार कर रहे है। रैलियां हो रही हैं लेकिन उनमें भी बहुत अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा है।

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