सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी चेतावनी
जयपुर। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को अपनी पार्टी की सरकार के सामने तीन मांगें रखीं और चेतावनी दी कि अगर इस महीने के अंत तक इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। अपनी जन संघर्ष यात्रा के समापन पर यहां भांकरोटा में आयोजित जनसभा में पायलट ने कहा, “अब तक हम गांधीवादी तरीके से बात कर रहे थे। अब गांवों और शहरों में बड़ा आंदोलन होगा और हम न्याय लेकर रहेंगे।”
पायलट की तीन मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग कर नया संगठन बनाना, पेपर लीक के एवज में बेरोजगारों को मुआवजा मिलना और वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच शामिल है।
पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, “हम बिना किसी पद पर बैठे गाली खा रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “लोगों की बात सुनिए, मुझे सीमित मत कीजिए, मैं किसी धर्म या समाज से नहीं हूं। मैं 36 समुदायों का बेटा हूं। मैं राजस्थान का बेटा हूं।”
पायलट ने कहा, “मैं किसी भी पद पर रहूं या न रहूं, हम राजस्थान की जनता की सेवा करते रहेंगे। मैं न डरने वाला हूं और न दबाने वाला हूं। मैं आपके लिए लड़ा हूं और लड़ता रहूंगा।”
पायलट ने याद करते हुए कहा कि 2013 में कांग्रेस के पास केवल 21 विधायक रह गए थे और तब पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने उन्हें फोन किया था और कहा था कि राजस्थान में पार्टी की हालत बहुत खराब है, “आप वहां जाओ और अध्यक्ष का पद संभालो”।
उन्होंने कहा, “इन पांच सालों में हमने वसुंधरा सरकार का उसकी नीतियों के आधार पर जमकर विरोध किया। वसुंधरा के शासन में खुली लूट हुई।”
पायलट ने कहा, “मुख्यमंत्री गृहमंत्री और वित्तमंत्री भी हैं, मैंने उनसे कई बार कहा कि हमने जो कहा है, उसकी जांच होनी चाहिए। मैंने वसुंधरा सरकार की जांच के लिए एक दिन का उपवास रखा। मैंने सोचा कि हमें जनता के बीच जाना चाहिए। भ्रष्टाचार दीमक की तरह समाज को खा रहा है। हमें कड़ा प्रहार करना होगा। हमें दुनिया को दिखाना है कि हम जो कहते हैं, वह करते हैं।”
पायलट ने यह भी सवाल किया कि बाबूलाल कटारा को किसकी सलाह पर आरपीएससी का सदस्य बनाया गया?
उन्होंने कहा, “जो बच्चे एक-दो साल मेहनत करते हैं, लाखों रुपये खर्च करते हैं, किराए के मकान में रहते हैं और फिर पेपर लीक हो जाता है। आपको इसकी जड़ तक जाना होगा। अगर कानून अपना काम कर रहा है, तो इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कोई भी मछली, चाहे बड़ी हो या छोटी, पकड़ी जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “आपने कटारा को गिरफ्तार किया है। कटारा किसकी सलाह पर आरपीएससी के सदस्य बने, यह पता लगाना है। हमारी यात्रा का उद्देश्य भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच और पेपर लीक करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए जोर देना था।”
रैली को राज्य के मंत्री राजेंद्र सिंह गुडा ने भी संबोधित किया, जिन्होंने अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त होने का आरोप लगाया।
मंत्री हेमाराम चौधरी ने भी इस मौके पर बात की और गहलोत द्वारा भाजपा से पैसे लेने का आरोप लगाए जाने पर पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, उससे वह आहत हैं। अगर मुख्यमंत्री ने मुझे पैसे लेने का दोषी पाया है तो मुझे मंत्री क्यों बनाया?
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के कई नेताओं ने इस रैली में बाधा डाली, ताज्जुब की बात है कि आप (गहलोत) अपनी ही सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।”
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि “भाजपा के जमाने के विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने एक बार वसुंधरा राजे सरकार पर पांच हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। हमारी सरकार के मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं, सभी की जांच होनी चाहिए।”
चाकसू के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा, “(कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह) रंधावा ने मुझे फोन किया और सर्वे रिपोर्ट दिखाने के बाद कहा कि चाकसू में भाजपा बोल रही है। मैंने उनसे कहा कि मेरी जगह पर भाजपा बोल रही है, लेकिन ये बताओ कि कांग्रेस कहां बोल रही है?”
नागौर के लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर ने कहा, “गहलोत चाहते हैं कि पायलट पार्टी छोड़ दें। हम कहीं नहीं जाएंगे। हम यहीं रहेंगे।”
पायलट ने 11 मई को अजमेर में आरपीएससी से अपनी जन संघर्ष यात्रा शुरू की थी। पांच दिनों में 125 किलोमीटर की दूरी तय कर जयपुर पहुंची यात्रा ने एक बार फिर पेपर लीक और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में सामने आए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह भी पायलट की सभा में पहुंचे। उनकी रैली में 15 विधायक मौजूद थे।