राष्‍ट्रीय विधायक सम्‍मेलन, भारत लोकतन्‍त्र में विधायी कार्यों एवं नीति निर्माण में सुदृढ़ीकरण

राष्‍ट्रीय विधायक सम्‍मेलन भारत के विभिन्न राजनैतिक दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का एक अभूतपूर्व गैर राजनीतिक सम्मेलन है।
लोकतंत्र में विधायी कार्यों एवं नीति निर्माण में सुदृढ़ीकरण के संबंध में आपसी विचार-विमर्श के लिए राष्‍ट्रीय विधायक सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

इस सम्मेलन में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा सदस्‍य (विधायक) और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भाग ले रहे है।

यह सम्मेलन मुंबई में 15 से 17 जून 2023 तक आयोजित किया जाएगा।

यह मंच देश के अलग-अलग राज्यों के विधायको को एक-दूसरे से संवाद करने, सुशासन के मुद्दों पर आपसी विचार-विमर्श और लोकतंत्र को ताकतवर बनाने के लिए बनाया गया है।

विधायकों के इस तीन दिवसीय सम्मेलन में विधायकों और जनप्रतिनिधियों सहित सभी प्रतिभागियों के लिए 80 से अधिक समांतर विषयगत सत्र होंगे।

लोकतंत्र को शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से आयोजित इन विशेष सत्रों में भाग लेने के लिए कई प्रसिद्ध नेशनल/ग्लोबल लीडर्स के साथ-साथ विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

इस अवसर पर कुछ अन्‍य देशों के लोकतांत्रिक प्रतिनिधियों के साथ भी संवाद सत्रों की योजना बनाई गई है।

विभिन्न राज्य विधानसभाओं और विधान परिषदों के माननीय अध्यक्ष और चेयरमैन, सिविल सोसायटी मेंबर्स ने सम्‍मेलन को समर्थन दिया है।
इस सम्‍मेलन के संरक्षक पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, डॉ मीरा कुमार, श्री मनोहर जोशी, श्री शिवराज पाटिल, एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, भारतीय छात्र संसद और अतुल्य भारत निर्माण फाऊंडेशन है।
इस कार्यक्रम की परिकल्पना और संयोजन श्री राहुल वी कराड संस्थापक एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट ने की है।

राजस्थान विधानसभा के माननीय अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी इस कार्यक्रम के सलाहकार मंडल के माननीय सदस्य हैं और अपने महत्वपूर्ण सुझावों के द्वारा इस कार्यक्रम को एक नई दिशा दे रहे हैं।

भारत के राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में विधायी प्रतिनिधियों और विधायकों के कौशल और क्षमता को बढ़ाना इस सम्मेलन का असली मकसद है, ताकि उनकी प्रभावशीलता, कानून बनाने और नीति निर्माण की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जा सके।

राज्य विधानसभाओं और विचारकों की आपसी बातचीत में सुधार करना, आपसी सहयोग को बढ़ावा देना और विधायी भाषण की गुणवत्ता को बढ़ाना सम्मेलन का उद्देश्य है।

सम्‍मेलन से प्रतिभागियों को अनुभव, ज्ञान, आपसी विचार-विमर्श, अंतर-राज्य सहयोग के माध्यम से शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा मिलना स्‍वभाविक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *