मुख्यमंत्री बने रहने के लिए गहलोत तड़प रहे है, सचित पायलट तरस रहे है और इनके संघर्ष के कारण जनता त्रस्त हैः घनश्याम तिवारी

जयपुर। भाजपा वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, कांग्रेस सरकार में सत्ता का संघर्ष इस कदर हावी है कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी पर बने रहने के लिए तड़प रहे हैं वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट उस कुर्सी को पाने के लिए तरस रहे हैं, गहलोत की चुनौती से कांग्रेस आलाकमान भी प्रताड़ित है।

अंतर्कलह की इस पराकाष्ठा से राजस्थान की जनता 4 सालों से त्रस्त है, प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था का आलम यह है कि जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती ऐसी-ऐसी अपराध की जघन्य घटनाएं हो रही है, एक और जहां सिर तन से जुदा के नारे लग रहे हैं वहीं दूसरी ओर उसी तर्ज पर सरकार कानून व्यवस्था से जुदा हो चुकी है।

प्रदेश के हर जिले में महिला दुष्कर्म, भिन्न-भिन्न स्थानों पर फायरिंग, बिगड़ी कानून व्यवस्था से प्रदेश की स्थिति अराजक हो गई है, वहीं प्रदेश सरकार कांग्रेस के भारत जोड़ों यात्रा के पोस्टर लगाने में व्यस्त है।

महिला अपराध के आंकड़ों पर बोलते हुए तिवारी ने कहा कि प्रदेश महिलाओं के लिए असुरक्षित होता जा रहा है, देश में राजस्थान महिला अपराधों में अव्वल है, प्रदेश में प्रतिदिन 17 बलात्कार में हो रहे हैं, एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 6177 बलात्कार व 7309 अन्य मामले महिलाओं अत्याचार के मामले दर्ज हुये।

इसके विपरीत मंत्री शांति धारीवाल ने ‘राजस्थान मर्दों का प्रदेश है’ और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ”छप्पन प्रतिशत अपराध के मामलें झूटे है“ जैसे गैर जिम्मेदाराना बयान देकर बलात्कार पीड़ित महिलाओ को अपमानित किया, इसके अलावा प्रदेश में वर्ष 2021 में बाल अपहरण के 4940 मामले सामने आए, राजस्थान जो वीरों, रणबाकुरों, साधु संतों, उद्योगपतियों और समाजसेवियों की धरती कहलाती है, करौली, जोधपुर, जालौर व अन्य जिलों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं, तुष्टीकरण, बहुसंख्यक विरोधी नीति, बिगड़ी कानून व्यवस्था की वजह से आज अराजकता की राजधानी बन चुकी है।

तिवारी ने गहलोत सरकार पर अवैध खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 4 वर्षों में सर्वाधिक अवैध खनन के अपराध के मामले सामने आए,

खनन माफिया जबरदस्त सक्रिय हुए , भरतपुर के कनकांचाल क्षेत्र में खनन माफियाओं के खिलाफ आंदोलनरत, संत विजय दास ने आत्मदाह किया, साथ ही मंदिर के पुजारियों को आत्मदाह करना पड़ा, आंकड़ो की बात करे तो अवैध खनन के 339 एफ आई आर दर्ज हुई, कुल 952 मामलो में केवल 164 गिरफ्तारी हुई, खनन माफियाओं द्वारा पुलिस के साथ भी कई बार मारपीट और फायरिंग की घटनाएं हुई, पुलिस की मौजूदगी में भरतपुर, नागौर, अलवर व जयपुर समेत प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लगातार हो रही फायरिंग की घटनाएं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडा करता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं वह अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे हैं विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी भी अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन ना करते हुए, 92 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार ना करते हुए पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि राजस्थान सरकार के वर्तमान हालात और कार्यशैली जनता के द्वारा दिए गए जनाधार का अपमान है।

इस दौरान प्रदेश मीडिया संयोजक पंकज जोशी, सह-संयोजक पंकज मीणा व प्रदेश सोशल मीडिया जोगेन्द्र सिंह राजपुरोहित मौजूद रहे।

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