राजस्थान पर अब कोई चर्चा नहीं

राजस्थान में क्या शांति बहाली हो गई है? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निवेशक सम्मेलन कराया और लगातार अपने एजेंडे पर काम कर रहे हैं तो सचिन पायलट राज्य का दौरा कर रहे हैं। सितंबर के आखिरी हफ्ते में राजस्थान को लेकर जो ड्रामा हुआ था उस समय कहा गया था कि दो-तीन दिन में सोनिया गांधी राजस्थान के बारे में फैसला करेंगी। यह तय होने के बाद कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे, गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और उसके बाद कहा था कि राज्य में मुख्यमंत्री का फैसला सोनिया गांधी करेंगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया था कि दो तीन दिन में फिर प्रभारी और पर्यवेक्षक जाएंगे और विधायकों की राय लेंगे।

इस बात के दो हफ्ते हो गए। जो काम दो-तीन दिन में होना था वह दो हफ्ते में भी नहीं हो पाया है। कोई पर्यवेक्षक या प्रभारी राजस्थान नहीं गए हैं। विधायकों की रायशुमारी जैसा कोई काम नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पद को लेकर भी कोई चर्चा नहीं है। अब राजस्थान पर कोई फोकस भी नहीं है। कांग्रेस पार्टी के आला नेता या तो भारत जोड़ो यात्रा में बिजी हैं या गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तैयारियों में बिजी हैं। दोनों राज्यों में उम्मीदवार तय करने की कवायद चल रही है तो चुनावी रैलियों और सभाओं की योजना भी बन रही है। इस बीच प्रियंका गांधी वाड्रा को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने भी जाना है। तभी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद का मामला अघोषित रूप से सुलझ गया है और अभी यथास्थिति बनी रहेगी।

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