मोबाइल टॉवर्स से स्वास्थ्य पर विपरीत असर का कोई प्रमाण नही:भारत में 10 गुना कड़े मानक
जयपुर। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग एवं जिला परिषद जयपुर द्वारा “मोबाइल टॉवर जागरूकता:- भ्रांतियाँ व धोखाधड़ी” तथा पीएम वाणी विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर के बारे में फैली भ्रान्तियों को वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय तथ्यों के आधार पर जयपुर जिले के 22 पंचायतों से सभी ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत अधिकारीयों को वीडियो कॉन्फरेंसिग के माध्यम से जोड़कर जागरूक किया तथा पीएम वाणी के द्वारा सस्ती सुलभ इंटरनेट सेवा के बारे में भी जागृत किया।
आरम्भ में जिला परिषद जयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जसमीत सिंह संधू ने बताया कि दूरसंचार के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी परिवर्तन आयें हैं। दूरसंचार विभाग, राजस्थान लाईसेन्स सर्विस एरिया, के उप महानिदेशक श्री राम गोपाल यादव ने मोबाइल टावर तथा इंटरनेट के व्यापक पहुँच की ज़रुरत पर विशेष बल दिया। हम 4जी से अब 5जी की ओर जाने को तैयार है, पर रेडिएशन से जुड़ी कई भ्रांतियाँ व धारणायेँ भी फैली हुई हैं जिनका तथ्यात्मक निराकरण आवश्यक है | उन्होने कहा कि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाना उपयोगी होगा कि मोबाइल टावर्स मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं है | उन्होंने यह भी बताया कि पीएम-वाणी ब्रॉडबैंड की पहुँच को व्यापक बनाएगा।
दूरसंचार विभाग, राजस्थान लाईसेन्स सर्विस एरिया के निदेशक (अनुपालन) राकेश कुमार मीना ने भारत में दूरसंचार सेवाओं के विकास और इसकी विशेषताओं के बारे में चर्चा करते हुए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल एवं इंटेरनेट सेवाओ का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए अच्छी कनेक्टिविटी व 5जी सेवाओ की शुरुआत के लिए फाइबराइजेशन व मोबाइल टॉवर की संख्या बढानी भी आवश्यक है तथा 5जीके लिए हर 200 मीटर पर स्माल सेल टावर/ पोल लगाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ सिग्नल पर हुए गहन शोध से यह सिद्ध हुआ है कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले विकिरण से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नही पहुंचता है। उन्होंने बाताया कि कोई भी व्यक्ति संदेह होने पर 4000 रुपये कि राशि जमा करवाकर अपने पड़ोस में लगे टावर से निकलने वाले रेडिएशन की जांच करवा सकता है तथा तरंग संचार पोर्टल के माध्यम से भी कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल नंबर व OTP के द्वारा अपने नजदीकी मोबाइल टावर के रेडिएशन की स्थिति के बारे में जान सकता है।
उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग टॉवर्स से निकलने वाली विकिरण की लगातार निगरानी करता है और इस पर नियंत्रण का कार्य भी करता है। उन्होने बताया कि फिलहाल राज्य में किसी भी मोबाइल टावर से निर्धारित मानक से अधिक विकिरण नहीं हुआ है | उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर कड़े आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है जो 20 लाख रुपये प्रति केस हो सकता है | श्री मीना ने बताया कि भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानक से भी 10 गुना अधिक कड़े मानक तय किये गये है, जिससे आमजन की विकिरणों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इसके साथ ही मोबाइल टॉवर की लगातार जांच की जाती है।
राकेश कुमार मीना ने कहा कि कई जाली कंपनियाँ टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रही है| उन्होंने कहा कि फर्जी मोबाइल कंपनियों के ललचाने वाले विज्ञापनों, एसएमएस, व कॉल से आमजन को बचना चाहिए व सही जानकारी लेकर ही मोबाइल टावर लगवाने की कार्यवाही करनी चाहिए व कोई भी कंपनी टावर लगाने हेतु व्यक्ति विशेष से पैसा नहीं लेतीI यदि कोई ठगी का शिकार हो भी गया हो तो पास के पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट करें।
दूरसंचार विभाग, राजस्थान लाईसेन्स सर्विस एरिया के निदेशक (प्रौद्योगिकी) फ़तेह सिंह ने बताया कि भविष्य तकनीक संचालित होगा। ब्रॉडबैंड की पहुँच से चिकित्सा, अच्छी शिक्षा, स्मार्ट सिंचाई, स्मार्ट सिटी तथा हवा, पानी के प्रदूषण नियंत्रण से क्रांति आएगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने देश की अर्थव्यस्था को गति देने के उद्देश्य से दिसम्बर-2020 में पीएम वाणी(प्रधान मंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस)की योजना स्वीकृत कीहै।पीएम वाणी से एसटीडी पीसीओ की तर्ज पर पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO)वाई -फाई एक्सेस पॉइंट्स की स्थापना, रखरखाव और संचालन होगा ।
पीएम वाणी सेवा प्रदाता बनने के लिये किसी भी प्रकार का लाइसेंस शुल्क एवम राजस्व देने की आवश्यकता नहीं है। एसटीडी पीसीओ की तर्ज पर बिना कोई बड़ा निवेश किये भी पीएम वाणी सेवा प्रदाता का फ्रैंचाइज़ी बना जा सकता है। डेटा रेट अन्य डेटा सेवा प्रदाताओं की लगभग आधी है।एक्सेस पॉइंट उपकरण से लगभग 100 मीटर तक कवरेज मिल सकता है। कार्यक्रम के दौरान कई लोगों ने पीएम वाणी के बारे में अपनी जिज्ञासाएं प्रकट की जिनका उत्तर देते हुये उन्होने आश्वस्त किया कि मोबाइल कनेक्टिविटी इस समय सभी वर्गो की आवश्यकता है तथा पीएम वाणी किट का संस्थापन और रखरखाव बेहद सरल है।
कार्यक्रम के अंत में दूरसंचार विभाग के सहायक महानिदेशक अर्पित शुक्ल ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया |